आइंस्टीन और नाभिकीय ऊर्जा - नंदकिशोर शर्मा
*अगर आइंस्टीन कभी जन्मे ना होते तो क्या हमारे पास नाभिकीय हथियार होते?*
- जी हाँ, अगर बीसवीं सदी के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टीन कभी जन्मे ना होते तो भी हमारे पास नाभिकीय हथियार रहते।
*क्यों-* आइंस्टीन को नाभिकीय हथियारों का श्रेय देना, दोष देना या केन्द्रीय वैज्ञानिक कहना सही नहीं होगा क्योंकि आइंस्टीन उस वक्त दुनिया के एक महत्वपूर्ण एवं सबसे प्रसिद्द वैज्ञानिक थे और यह केवल एक मिथक था कि नाभिकीय हथियारों की कल्पना आइंस्टीन के बिना नहीं की जा सकती थी,
वास्तविकता में आइंस्टीन को अगर हम किसी भी तरीके से इतिहास से गायब कर दें तो बहुत कम नाभिकीय हथियार प्रभावित होंगे क्योंकि वे नाभिकीय हथियारों के कोई मुख्य कर्ता-धर्ता नहीं थे बल्कि यह केवल एक मिथक था कि आइंस्टीन के बिना इन अणु हथियारों के कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
*इस मिथक के प्रभावी होने के भी कई कारण थे-*
आइंस्टीन का एक विज्ञानी सिद्धांत ( E=mc² ) उस समय काफी प्रसिद्ध हुआ था ,
और ज्यादातर लोग इसी सूत्र को नाभिकीय हथियारों को बनाने में मुख्य मानने लगे,
हालांकि यह नियम केवल यह दर्शाता था कि नाभिकीय हथियार क्यों बने?
जबकि लोगों ने सोचा कि इसका अर्थ हथियारों का निर्माण कैसे हुआ से है,
और आइंस्टीन का नाभिकीय हथियारों के उत्पादन को लेकर कोई भी सिद्धांत नहीं था।
उन्होंने ऊर्जा के बारे में जरूर लिखा परन्तु निर्मित करने की थ्योरी नहीं दी जिससे स्पष्ट है कि नाभिकीय हथियारों के उत्पादन से उनका कोई भी सीधा रिश्ता था ही नहीं।
एक कारण यह भी था कि आइंस्टीन उस वक्त चर्चा में रहने वाले वैज्ञानिक थे और उनके विभिन्न प्रयोगों के कारण व नाभिकीय ऊर्जा की चर्चा में शामिल रहने के कारण वे हमेशा नाभिकीय जन्मदाता के रूप में देखे जाने लगे।
*अगर आइंस्टीन ना होते-* फिर भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ता क्योंकि रदरफोर्ड फिर भी मैनहट्टन प्रोजेक्ट को तैयार कर लेते और नाभिकीय शक्ति का विकास कर लेते।
तो स्पष्ट है कि आइंस्टीन का सीधा रिश्ता किसी भी प्रकार से परमाणु/अणु ऊर्जा से नहीं था और यह केवल एक मिथक है कि आइंस्टीन के बिना नाभिकीय शक्ति की कल्पना नहीं की जा सकती थी।
*नन्द किशोर शर्मा*
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