कस्बे में धड़ल्ले से बिक रहा मौत का सामान
लूणकरणसर :- चाइनीज मांझे के इस्तेमाल पर कोर्ट के बैन के बावजूद इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। कस्बे में प्रशासन की उदासीनता के कारण व दुकानदार चंद रुपये कमाने के लालच में मौत के धागे को खुले में रखकर धड़ल्ले से बेच रहे है।
इस धागे से हर साल हजारों पक्षियों की मौत हो जाती है साथ ही बाइक सवार ओर छोटे बच्चे इसकी चपैट में आने से गम्भीर घायल हो जाते है।
बता दें कि कोर्ट का साफ निर्देश है कि चाइनीच और ग्लास कोटेड मांझे की बिक्री या भंडारण समूचे देश में प्रतिबंधित है। फिर भी मौत का सामान चाइनीज़ मांझा लगभग पतंगों की दुकानों पर सरेआम बिकता नजर आते है ।
पक्षियों के लिए भी है आफत
पतंगबाजी के बाद इधर-उधर बिखरे मांझा से सबसे अधिक आफत पक्षियों की आ जाती है। सैकड़ों पक्षी चाइनीज मांझे की वजह से या तो घायल हो जाते हैं या उनको अपनी जान गंवानी पड़ती है।चाइनीज मांझे के खिलाफ कार्यवाही वन विभाग भी कर सकता है लेकिन आपको ताज्जुब होगा ये बात उनको पता ही नहीं है।
इस धागे से हर साल हजारों पक्षियों की मौत हो जाती है साथ ही बाइक सवार ओर छोटे बच्चे इसकी चपैट में आने से गम्भीर घायल हो जाते है।
बता दें कि कोर्ट का साफ निर्देश है कि चाइनीच और ग्लास कोटेड मांझे की बिक्री या भंडारण समूचे देश में प्रतिबंधित है। फिर भी मौत का सामान चाइनीज़ मांझा लगभग पतंगों की दुकानों पर सरेआम बिकता नजर आते है ।
पक्षियों के लिए भी है आफत
पतंगबाजी के बाद इधर-उधर बिखरे मांझा से सबसे अधिक आफत पक्षियों की आ जाती है। सैकड़ों पक्षी चाइनीज मांझे की वजह से या तो घायल हो जाते हैं या उनको अपनी जान गंवानी पड़ती है।चाइनीज मांझे के खिलाफ कार्यवाही वन विभाग भी कर सकता है लेकिन आपको ताज्जुब होगा ये बात उनको पता ही नहीं है।

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