अब गाँव- ढाणी तक लेकर जाएंगे भाषा की बात
अब गाँव- ढाणी तक लेकर जाएंगे भाषा की बात
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राजस्थानी छात्र मोर्चे की बैठक संपन्न
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सूरतगढ़ में 21 फरवरी को होगी छात्र युवा पंचायत
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लूणकरणसर 14 फरवरी। राजस्थानी छात्र मोर्चा अब भाषा के मुद्दे को लेकर गांव ढाणी तक जाएगा। इस बाबत सूरतगढ़ में विश्व मातृभाषा दिवस पर 21 फरवरी को राजस्थानी छात्र पंचायत आयोजित होगी। मोर्चे की ओर से आम जनता को भाषा की मान्यता के मुद्दे से जोड़ने के लिए जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। मोर्चे के प्रदेश संयोजक डॉ गौरीशंकर ने मंगलवार को यह बात कही। वे कस्बे में मोर्चे की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता का दिन अब दूर नहीं है। केंद्र सरकार राजस्थानी सहित देश की 3 भाषाओं को मान्यता देने का मन बना चुकी है। संसद में गतिरोध के कारण गत सत्र में मान्यता का बिल पारित नहीं हो पाया। संवैधानिक मान्यता के साथ अब भाषा के विकास के लिए मिशन भाव से काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजस्थानी को दूसरी राजकीय भाषा के रूप में मान्यता प्रदान करें और इसे प्राथमिक शिक्षा का माध्यम बनाएं । बैठक में कथाकार डॉ मदन गोपाल लढ़ा ने कहा कि राजस्थानी भाषा साहित्य व संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष सहित अधिकांश पद रिक्त है जिससे भाषा और साहित्य की गतिविधियां ठप है । इसे पुनः सक्रिय बनाने के लिए रिक्त पदों पर अविलंब मनोनयन किया जाना चाहिए। बैठक की अध्यक्षता करते हुए राजस्थानी मोट्यार परिषद के जिला पाटवी राजूराम बिजारणियां ने कहा कि मान्यता के लिए संघर्ष के साथ साथ भाषा की समृद्धि के लिए व्यापक स्तर पर काम करना होगा। इसके लिए विविध विषयों में राजस्थानी में सामग्री तैयार करनी होगी। बैठक में राजस्थान के कॉलेज शिक्षा व स्कूल शिक्षा विभाग में राजस्थानी भाषा और साहित्य विषय व शिक्षकों के पद सृजित कर योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति की मांग की गई। राजस्थानी छात्र मोर्चा ने राजस्थान सरकार से प्रदेश के पुस्तकालय में कॉलेजों में स्कूलों के लिए खरीद की जाने वाली पुस्तकों का 50 फीसदी बजट राजस्थानी भाषा और साहित्य की कृतियों के लिए आरक्षित करने की मांग की । बैठक में राजकीय महाविद्यालय लूनकरणसर छात्रसंघ अध्यक्ष रामनिवास गाट, धर्माराम रोझ, रामनिवास गोदारा ने अपने विचार रखे। बैठक में राज्य में प्राथमिक स्तर पर राजस्थानी भाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
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राजस्थानी छात्र मोर्चे की बैठक संपन्न
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सूरतगढ़ में 21 फरवरी को होगी छात्र युवा पंचायत
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लूणकरणसर 14 फरवरी। राजस्थानी छात्र मोर्चा अब भाषा के मुद्दे को लेकर गांव ढाणी तक जाएगा। इस बाबत सूरतगढ़ में विश्व मातृभाषा दिवस पर 21 फरवरी को राजस्थानी छात्र पंचायत आयोजित होगी। मोर्चे की ओर से आम जनता को भाषा की मान्यता के मुद्दे से जोड़ने के लिए जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। मोर्चे के प्रदेश संयोजक डॉ गौरीशंकर ने मंगलवार को यह बात कही। वे कस्बे में मोर्चे की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता का दिन अब दूर नहीं है। केंद्र सरकार राजस्थानी सहित देश की 3 भाषाओं को मान्यता देने का मन बना चुकी है। संसद में गतिरोध के कारण गत सत्र में मान्यता का बिल पारित नहीं हो पाया। संवैधानिक मान्यता के साथ अब भाषा के विकास के लिए मिशन भाव से काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजस्थानी को दूसरी राजकीय भाषा के रूप में मान्यता प्रदान करें और इसे प्राथमिक शिक्षा का माध्यम बनाएं । बैठक में कथाकार डॉ मदन गोपाल लढ़ा ने कहा कि राजस्थानी भाषा साहित्य व संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष सहित अधिकांश पद रिक्त है जिससे भाषा और साहित्य की गतिविधियां ठप है । इसे पुनः सक्रिय बनाने के लिए रिक्त पदों पर अविलंब मनोनयन किया जाना चाहिए। बैठक की अध्यक्षता करते हुए राजस्थानी मोट्यार परिषद के जिला पाटवी राजूराम बिजारणियां ने कहा कि मान्यता के लिए संघर्ष के साथ साथ भाषा की समृद्धि के लिए व्यापक स्तर पर काम करना होगा। इसके लिए विविध विषयों में राजस्थानी में सामग्री तैयार करनी होगी। बैठक में राजस्थान के कॉलेज शिक्षा व स्कूल शिक्षा विभाग में राजस्थानी भाषा और साहित्य विषय व शिक्षकों के पद सृजित कर योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति की मांग की गई। राजस्थानी छात्र मोर्चा ने राजस्थान सरकार से प्रदेश के पुस्तकालय में कॉलेजों में स्कूलों के लिए खरीद की जाने वाली पुस्तकों का 50 फीसदी बजट राजस्थानी भाषा और साहित्य की कृतियों के लिए आरक्षित करने की मांग की । बैठक में राजकीय महाविद्यालय लूनकरणसर छात्रसंघ अध्यक्ष रामनिवास गाट, धर्माराम रोझ, रामनिवास गोदारा ने अपने विचार रखे। बैठक में राज्य में प्राथमिक स्तर पर राजस्थानी भाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
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