सम्मान हमें प्रेरणा देता है- डॉ सिद्ध


सम्मान हमें प्रेरणा देता है- डॉ सिद्ध
एकीकृत पोषण परियोजना के तहत सम्मान समारोह आयोजित किया गया
लूणकरनसर। उरमूल सेतु संस्थान लुनकरणसर के केम्पस में प्लान इण्डिया के सहयोग से संचालित एकीकृत पोषण परियोजना के अर्न्तगत परियोजना क्षेत्र के सभी आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगिनी एवं सामुदायिक पोषण कार्यकर्ता सहित 50 गांव में 0 से 5 वर्ष के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु किये जा रहे प्रयासो हेतु सम्मान समारोह का आयोजन करके प्रतिक चिन्ह एवं प्रसस्ति पत्र देकर सम्मान्नित किया गया। इस सम्मान समारोह की अध्यक्षता कुजटी ग्राम पंचायत की सरपंच परमा देवी द्वारा किया गया तथा विशिष्‍ट अतिथि खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ एच एन सिद्ध  व महिला एव बाल विकास परियोजना अधिकारी नवरंग मेघवाल द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम में प्लान इण्डिया के कार्यक्रम अधिकारी श्‍याम प्रकाश का विशेष भागीदारी रही। इस समारोह में आंगनवाडी कार्यकर्ता ए आशा सहयोगिनी वार्ड सदस्य व सामुदायिक पोषण कार्यकर्ता सहित 225 लोगों ने प्रतिभाग किया ।
इस सम्मान समारोह में परियोजना क्षेत्र के 50 गांव में से 5 गांव को 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों में बेहतर पोषण सुधार हेतु बाल पोषण मित्र गांव के रूप में प्रतिक चिन्ह एवं प्रसस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। विशिष्ट अतिथि डॉ सिद्ध ने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सम्मान हमे अपने कार्य के प्रति ज्यादा जिम्मेदारी बढाता है। अत आप सभी को ज्यादा इमानदारी और लगन के साथ अपने दायित्वो का निर्वहन करना पडेगा। आपको अधिकार प्राप्त है। और अब आपको अपने कर्तव्यों का अच्छे तरीके से करना होगा। साथ ही उन्होने कहा कि अभी प्रत्येक गांव में सरकारी विभागों के कार्यकर्ता सहित संस्था का एक पोषण कार्यकर्ता भी है और यह गाव स्तर पर कुपोषित बच्चों की पहचान करना और उसको कुपोषण निवारण केन्द्र तक लाना और उसके पोषण स्तर में सुधार करवाने का संकल्प लेना होगा। इसी क्रम में परियोजना अधिकारी नवरंग मेघवाल ने कहा कि आंगनवाडी केन्द्र पर गर्भवती और बच्चो को नियमित पूरक पोषाहार भी मिलना बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करने में सहायक होता है। समापन सत्रों में संस्था  सचिव रामेश्‍वर लाल ने कहा कि यदि हम सभी मिल कर आज संकल्प कर ले के हम अपने पूरे लगन एवं तन्मयता के साथ इन चयनित 50 गाव के बच्चो के पोषण में सुधार के लिए सम्मलित प्रयास करेगें। कार्यक्रम का संचालन परियोजना अधिकारी श्रीरत्नेश मुखराम द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में मुखराम, पुर्णाराम, विकास, रामेश्‍वरी, हीरा, शान्ती, सोनु व कृष्णा की भी भागीदारी रही।

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