सुविचार

लुनकरनसर :- २४/१/२०१७

स्वभावो नोपदेशेन,
शक्यते कर्तुमन्यथा।
सुतप्तमपि पानीयं,
पुनर्गच्छति शीतताम्॥

अर्थात - उपदेश देकर किसी के स्वभाव को बदला नहीं जा सकता, पानी को कितना भी गरम करो, कुछ समय बाद वह फिर से ठंडा हो ही जाता है।

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