बदहाली के आंसु बहाती कस्बे की नालियां
सीवरेज का भी कोई लाभ नही
लूनकरनसर कस्बे के लोगों को वर्षो से नरकीय जीवन जीने को मजबूर है। कस्बे के सबसे उपेक्षित इस मोहल्ले की सड़कें क्षतिग्रस्त है, नालियां भी नदारद है और लाखो रूपये की लागत से बनी सीवरेज का भी लोगों को नही मिल रहा है। उल्लेखनीय है की लूनकरनसर कस्बे के मुख्य बाजार सागर होटल से पुराने थाने तक, सामुदायिक चिकित्सालय रोड़, पुरानी धान मण्डी रोड़, पुराने बाजार से नई धानमंडी को जोड़ने वाली रोड़, ग्रामोत्थान विद्यालय के आगे का मार्ग, जम्बेश्वर मन्दिर के सामने कालू रोड़, सरस धर्म कांटे के पास से गुजरने वाली खड़वंजा रोड़, एस एस आर विद्यालय के पास से गुजरने वाली जोगियाबस्ती रोड़ सहित कस्बे के महत्वपूर्ण सड़को पर नालियों से निकलने वाले गंदे पानी से किचड़ फैल रहा है। इस सड़क मार्गो से पैदल व दुपहिया वाहनों का निकला दुभर है। जगह जगह फैले कीचड़ के कारण आमजन व दुकानदार काफी परेशान है।
हालांकि ग्राम पंचायत कस्बे की साफ सफाई व नाली सफाई के नाम पर लाखों का बजट बनाकर गबन कर रही है। लेकिन धरातल पर नाममात्र की सफाई होती है। कस्बे की बदहाल स्थिति पर आमजन, दुकानदार व किसी संगठन की आवाज उठाने की भी हिम्मत नही है, क्योकि परेशानी सहन करने की क्षमता हम रखते है लेकिन समस्याओं पर आवाज उठाकर किसी की आंखों की किरकिरी बनना नही चाहते। ग्राम पंचायत, आमजन व अनेक स्वयंसेवी भी बदहाल स्थिति के लिए बराबर के जिम्मेदार है, क्योकि हमारी दबी जुबान खुल नही रही है।
सीवरेज का भी कोई लाभ नही
लूनकरनसर कस्बे के लोगों को वर्षो से नरकीय जीवन जीने को मजबूर है। कस्बे के सबसे उपेक्षित इस मोहल्ले की सड़कें क्षतिग्रस्त है, नालियां भी नदारद है और लाखो रूपये की लागत से बनी सीवरेज का भी लोगों को नही मिल रहा है। उल्लेखनीय है की लूनकरनसर कस्बे के मुख्य बाजार सागर होटल से पुराने थाने तक, सामुदायिक चिकित्सालय रोड़, पुरानी धान मण्डी रोड़, पुराने बाजार से नई धानमंडी को जोड़ने वाली रोड़, ग्रामोत्थान विद्यालय के आगे का मार्ग, जम्बेश्वर मन्दिर के सामने कालू रोड़, सरस धर्म कांटे के पास से गुजरने वाली खड़वंजा रोड़, एस एस आर विद्यालय के पास से गुजरने वाली जोगियाबस्ती रोड़ सहित कस्बे के महत्वपूर्ण सड़को पर नालियों से निकलने वाले गंदे पानी से किचड़ फैल रहा है। इस सड़क मार्गो से पैदल व दुपहिया वाहनों का निकला दुभर है। जगह जगह फैले कीचड़ के कारण आमजन व दुकानदार काफी परेशान है।
हालांकि ग्राम पंचायत कस्बे की साफ सफाई व नाली सफाई के नाम पर लाखों का बजट बनाकर गबन कर रही है। लेकिन धरातल पर नाममात्र की सफाई होती है। कस्बे की बदहाल स्थिति पर आमजन, दुकानदार व किसी संगठन की आवाज उठाने की भी हिम्मत नही है, क्योकि परेशानी सहन करने की क्षमता हम रखते है लेकिन समस्याओं पर आवाज उठाकर किसी की आंखों की किरकिरी बनना नही चाहते। ग्राम पंचायत, आमजन व अनेक स्वयंसेवी भी बदहाल स्थिति के लिए बराबर के जिम्मेदार है, क्योकि हमारी दबी जुबान खुल नही रही है।

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