सफलता के साथ जिंदगी की सार्थकता जरूरी-देवी ममता
सफलता के साथ जिंदगी की सार्थकता जरूरी-देवी ममता मुकेश पुनियाँ लूणकरणसर। शिव जम्भेश्वर गौ सेवा समिति में आयोजित गोहितार्थ द्वितीय दिवस की कथा का वाचन करती हुई विश्व कि एक मात्र चार लाख रूपये का सहयोग देने वाली कथा वाचिका देवी ममता ने कहा कि सफलता के साथ जीवन की सार्थकता को समझना आवश्यक है। माता-पिता का दायित्व है कि बच्चों में सफलता प्राप्त करने के साथ-साथ जिंदगी की सार्थकता का वातावरण पैदा करें। कथा वाचिका ने प्राचीन सनातन संस्कृति के बारे में बताया कि वर्तमान में पाश्चात् संस्कृति विलुप्त होने की कगार पर है। कथा वाचिका ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी पाश्चात् संस्कृति के भ्रम जाल में फंसकर भारतीय सनातन संस्कारों को भूल गई हैं और युवा पीढ़ी पाश्चात् त्यौहारों जैसे वैलेटाईन-डे, न्यु-ईयर एवं क्रिसमस-डे इत्यादि को मनाने के बहाने नशे का सेवन कर रही है। माता-पिता का अनादर हो रहा है बुजुर्गो को अपमान हो रहा है, वृद्धाश्रम बढ़ रहे है। अतः हमें युवा पीढ़ी को धर्म की शिक्षा देने की अति आवश्यकता है तभी भारतीय की संस्कृति, एकता व अखण्डत...